Dussehra 2024
दशहरा का पर्व बेहद खास माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं इस दिन लोग रावण दहन भी करते हैं।
विजयादशमी का पर्व यानी बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व। इसके अलावा सर्वसिद्धिदायक दिन। इस दिन बिना कोई मुहूर्त देखे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
दशहरा पर्व यानी विजयादशमी का पर्व। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है। भारत और नेपाल में खास तौर पर यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस दिन आयुध पूजा समेत कई परंपराएं हैं। दशहरा या विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन करने की परंपरा है। इस दिन लोग अपने शस्त्रों की साफ-सफाई कर उनका पूजन करते हैं।
• यह पर्व भगवान राम की जीत की याद में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था.
• इस दिन को बुराई पर अच्छाई और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक माना जाता है.
• इस दिन लोग रावण के पुतले का दहन करते हैं.
• इस दिन कई जगहों पर रामलीला का आयोजन होता है.
• इस दिन को मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है.
• इस दिन क्षत्रिय अस्त्र-शास्त्र का पूजन किया जाता है.
• इस दिन शमी पूजन किया जाता है.
• नेपाल में इस दिन बड़ों के सामने नतमस्तक होकर उनका आशीर्वाद लेने की परंपरा है.
कब है दशहरा 2024? (Kab Hai Dussehra)
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार आश्विन मास की दशमी तिथि की शुरुआत 12 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 58 मिनट से होगी और दशमी तिथि का समापन 13 अक्टूबर सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर होगा.
दशहरा पूजा विधि (Dussehra Puja Vidhi)
- अभिजीत मुहूर्त में विजयदशमी की पूजा अर्चना करना शुभ माना जाता है. हमेशा ईशान कोण में दशहरा पूजन करें.
- पूजा स्थान को पहले गंगाजल से पवित्र करें.
- इसके बाद कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल बनाएं.
- इसमें देवी अपराजिता से सुख-समृद्धि की मनोकामना करें.
- इसके बाद भगवान श्रीराम और हनुमान जी की पूजा अर्चना कर उन्हें भोग लगाएं.
- पूजा पूर्ण होने से पूर्व माता की आरती और भोग लगाकर इसे प्रसाद के रूप में बाटें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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